टेरर फंडिंग के केस में यासीन मलिक को कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा

Date:

Share

काफी चर्चित यासीन मलिक के केस की सुनवाई आज पटियाला हाउस के कोर्ट में हुई। जिसमे अब यासीन मलिक का बचना नामुमकिन हो गया है। दिल्ली के कोर्ट ने यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के केस में उम्रकैद की सज सुनाई है।

 

 

काफी चर्चित यासीन मलिक के केस की सुनवाई आज पटियाला हाउस के कोर्ट में हुई। जिसमे अब यासीन मलिक का बचना नामुमकिन हो गया है। दिल्ली के कोर्ट ने यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के केस में उम्रकैद की सज सुनाई है। NIA ने टेरर फंडिंग केस में पहले ही मलिक को फांसी की सजा देने की मांग की थी. यासीन मलिक ने UAPA के तहत अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था. साथ ही इस केस में बहस पूरी हो चुकी थी, सिर्फ सजा का ऐलान होना बाकी था.

 

बता दें कि एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह की अदालत के सामने मलिक को मृत्युदंड देने की मांग की उसकी कानूनी सहायता के लिए अदालत की ओर से नियुक्त न्याय मित्र ने मलिक को इस मामले में न्यूनतम सजा यानी आजीवन कारावास दिए जाने का अनुरोध किया था. पटियाला हाउस स्थित विशेष न्यायाधीश ने NIA अधिकारियों को यासीन मलिक वित्तीय स्थिति का आकलन करने का निर्देश दिया था जिससे जुर्माने की राशि निर्धारित की जा सके. इससे पहले 10 मई को मलिक ने अदालत में कहा था कि वह खुद के खिलाफ लगाए आरोपों का सामना नहीं करना चाहता है. उसने अपना जुर्म कबूल लिया था, मलिक इस वक्त दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है.

 

गौरतलब है कि NIA कोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख यासीन मलिक को UAPA के तहत 19 मई को दोषी करार दिया था. मलिक ने अदालत में कहा था कि वह खुद के खिलाफ लगाए आरोपों का विरोध नहीं करता, इन आरोपों में यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य), 17 (आतंकवादी कृत्यों के लिए फंड जुटाना), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (राजद्रोह) शामिल हैं.

 


Share

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

error: Content is protected !!